Kartik Jakhar: सफलता सुविधाओं की मोहताज नहीं होती! यह लाइन हरियाणा के एक गांव में रहने वाले 12 साल के कार्तिक जाखड़ पर एकदम सटीक बैठती है. दरअसल, कार्तिक जाखड़ जो महज 12 साल का लड़का है. हरियाणा का यह लड़का आज महज 12 साल की उम्र में अमेरिका की हावर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहा है हैं. कार्तिक जाखड़ ने टूटी हुई स्क्रीन वाले मोबाइल फोन से ऐसा कारनामा कर दिखाया जिसकी बदौलत उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है.
कार्तिक दिल्ली से महज 100 किलोमीटर की दूरी पर हरियाणा के झज्जर जिले के झांसवा गांव के रहने वाले हैं. कार्तिक झांकड का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है.आपको बता दें कि कार्तिक की उपलब्धि यह है कि उसने तीन लर्निंग एप इजाद किए हैं. हैरानी की बात यह है कि महज 12 साल के इस लड़के ने केवल मोबाइल से वीडियो देखकर और वहां से सीखकर इन ऐप्स का इजाद किया है.आपको बता दें कि जिस फोन के जरिए इस लड़के ने कोडिंग सीखकर ऐप बनाए हैं उस मोबाइल की स्क्रीन भी टूटी हुई थी.
कार्तिक के पिता करते हैं खेती-बाड़ी:
कार्तिक कृषि परिवार से ताल्लुक रखते हैं उनके पिता अजीत सिंह खेतीबाड़ी करते हैं. कार्तिक की तीन बड़ी बहने हैं और कार्तिक सबसे छोटे हैं. आपको बता दें कि कार्तिकेय कैसे गांव झासवा में रहते हैं जहां 24 घंटे बिजली की सुविधा भी नहीं है.
ऑनलाइन क्लास लेते लेते बना दिया ऐप:
कार्तिक ने बताया कि तीसरी कक्षा से ही उनके अंदर कुछ अलग करने का जज्बा था. करोना काल के दौरान जिस समय ऑनलाइन क्लासेस होती थी उस समय उनके पिता ने उनके लिए 8:00 10000 का एंड्राइड फोन लाकर दिया. इस फोन पर वह पढ़ाई के बाद यूट्यूब पर कोडिंग और ऐप डेवलपमेंट के बारे में पढ़ते थे. यूट्यूब की मदद से ही इस लड़के ने सैल्फ ट्रेनिंग के लिए अपने खुद के एप्लीकेशन बनाएं. कार्तिक ने बताया कि ऐप बनाने के दौरान उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता था क्योंकि फोन हैंग कर जाता था और इस वजह से कार्तिक को बार बार कोडिंग करनी पड़ती थी.
कार्तिक ने बनाए 3 लर्निंग एप:
कार्तिक ने तीन लर्निंग ऐप बनाएं जिसमें से पहला ऐप जनरल नॉलेज से संबंधित है. इस ऐप का नाम कार्तिक ने लुसेंट जीके ऑनलाइन दिया है.
दूसरे ऐप का नाम श्री राम कार्तिक लर्निंग सेंटर है. इस ऐप में कोडिंग और ग्राफिक डिजाइनिंग की शिक्षा दी जाती है.
तीसरा एप्स डिजिटल एजुकेशन से संबंधित है इस ऐप का नाम श्री राम कार्तिक डिजिटल एजुकेशन रखा है. कार्तिकेय इन तीन लर्निंग एप्स के जरिए लोगों को मुफ़्त में ऑनलाइन शिक्षा मिलेगी.
12 साल की उम्र में मिल चुके हैं कई पुरस्कार:
कार्तिक अभी 12 साल के हैं और इस उम्र में उन्हें कई पुरस्कार मिल चुके हैं. जिनमें चाईल्ड प्राॅडिजी, अवार्ड ओएमजी बुक ऑफ रिकॉर्ड्स शामिल है. आपको बता दें कि ओएमजी बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में कार्तिक ने सात अलग-अलग तरह के रिकॉर्ड दर्ज किए हैं. कार्तिक ने हावर्ड यूनिवर्सिटी के एंट्रेंस एग्जाम में पास होकर स्कॉलरशिप भी प्राप्त की है और अब हावर्ड यूनिवर्सिटी से कार्तिक बीएससी इन कंप्यूटर साइंस की डिग्री ले रहे हैं.
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देश के लिए कुछ कर गुजरने का है जज्बा:
कार्तिक ने बताया कि भले ही वह अमेरिका की हावर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर रहे हैं लेकिन आगे चलकर वह भारत में ही रहकर अपने देश के लिए कुछ करना चाहते हैं. कार्तिक कंप्यूटर के क्षेत्र में ही कुछ ऐसा करना चाहते हैं जो आज तक किसी ने ना किया हो. कई तरह की मुश्किलों और चुनौतियों के बीच भी कार्तिक ने यह साबित कर दिया कि सफलता सुविधाओं की मोहताज नहीं होती!
हौसला हो तो फिर फैसला क्या है!