Joshimath Sinking: वर्तमान समय में उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले का जोशीमठ शहर हर जगह चर्चा में बना हुआ है. दरअसल, इसके पीछे की वजह यह है कि जोशीमठ में कुछ दिनों से जमीन धंसने के संकेत दिखाई दे रहें हैं. उत्तराखंड का जोशीमठ शहर गेटवे ऑफ हिमालय के नाम से मशहूर है, जहां आजकल धरती चीरते हुए जगह-जगह से है पानी निकलना शुरू हो गया है सड़कों के साथ-साथ लोगों के घरों में दरारें आ चुकी हैं, जिसकी वजह से लोगों ने अपने घरों को छोड़ दिया है. ऐसे में यहां के स्थानीय लोग अपने घरों को छोड़कर दूसरी जगहों पर शिफ्ट हो रहे हैं.
आपको बता दें कि उत्तराखंड के जोशीमठ के इस मामले के सामने आते ही इसकी निगरानी पीएमओ कर रहा है.
जोशीमठ भू-धंसाव से जुड़े 5 बड़े अपडेट:
- जोशीमठ की वर्तमान स्थिति को देखते हुए जोशीमठ में स्थित एशिया के सबसे लंबे रोपवे को बंद कर दिया गया है.
- जोशीमठ भूस्खलन मामले पर प्रधानमंत्री कार्यालय नजर बनाए हुए हैं. इसको लेकर एक टीम ने आज यहां का दौरा किया.
- जोशीमठ की स्थिति को देखते हुए जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने आज बाजार बंद रखने की घोषणा की है.
- भूवैज्ञानिकों, इंजीनियरों और अधिकारियों समेत 5 सदस्य टीम पहले ही जोशीमठ में आई दरारों की जांच कर चुकी है.
- इन टीम के मुताबिक जोशीमठ के कई हिस्से मानव निर्मित और प्राकृतिक कारणों की वजह से जलमग्न हो रहे हैं.
आखिर क्यों जमीन में धंस रहा है जोशीमठ?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक 1970 और 71 में जोशीमठ में आई बाढ़ के बाद से भूस्खलन बढ़ने लगा है. उस समय यूपी सरकार ने एक कमेटी बनाई थी, जिसमें पाया गया था कि जोशीमठ ग्लेशियर द्वारा लाई गई मिट्टी पर बसा हुआ है. ऐसे में जोशीमठ मजबूत चट्टान में नहीं बसा है और यह केवल भूस्खलन का क्षेत्र है. उस समय कहा गया था कि अगर जोशीमठ को स्थाई रखना है तो जोशीमठ की चट्टानों को ना छोड़ना ही बेहतर होगा. लेकिन वर्तमान समय में जोशीमठ एक बहुत ही बड़े शहर के रूप में उभरा है जहां भारी मात्रा में निर्माण कार्य हुए हैं.