Goa Statehood Day: हर साल 30 मई को गोवा का स्थापना दिवस मनाया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि 30 मई 1987 को ‘गोवा’ को पूर्ण रूप से राज्य का दर्जा मिला था. जानकारी के लिए बता दें कि भारत की आजादी के 14 साल बाद भी गोवा पुर्तगाली शासन के अधीन रहा था जो 19 दिसंबर 1961 में जाकर आजाद हुआ था. हालांकि, गोवा राज्य दिवस ऐतिहासिक दिन को चिन्हित करता है जब गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था और दमन और दीव को एक अलग केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा दिया गया.
‘गोवा स्थापना दिवस’:
30 मई वह दिन है जब गोवा को दमन और दीव से अलग करते हुए ऐसे एक अलग राज्य के रूप में घोषित किया गया था. यह वर्ष 1987 में हुआ था और इस दिन को ‘गोवा स्थापना दिवस’ के रुप में मनाया जाता है.
गोवा की राजधानी और आधिकारिक भाषा:
गोवा को राज्य का दर्जा मिलने के बाद पणजी को राजधानी का दर्जा दिया गया. इसके साथ ही राज्य की कोंकणी भाषा आधिकारिक भाषा बन गई.
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गोवा का इतिहास:
गोवा भारत में क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे छोटा राज्य है, लेकिन अपने खूबसूरत समुद्र तटों और प्रसिद्ध वास्तुकला के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है.
यदि बात करें 1961 से पहले की तो गोवा पुर्तगाल के अंतर्गत आता था जिसने इस क्षेत्र पर लगभग 450 वर्षों तक शासन किया. भारत को 1947 में स्वतंत्रता मिलने के बाद भारत ने पुर्तगालियों से गोवा छेत्र छोड़ने का अनुरोध किया, लेकिन पुर्तगालियों ने इससे इंकार कर दिया था. हालांकि, इसके बाद 1961 में भारत ने ‘ऑपरेशन विजय’ और गोवा और दमन और दीव को भारतीय मुख्य भूमि के साथ जोड़ दिया.
इसके बाद जब गोवा पूर्ण राज्य बन गया तो गोवा में पहला चुनाव आयोजित किया गया जो कि 20 दिसंबर 1962 को हुआ और राज्य के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री दयानंद भंडारकर बने.
कुछ समय के लिए गोवा को महाराष्ट्र से जोड़ने के लिए भी चर्चा रही क्योंकि गोवा महाराष्ट्र का पड़ोसी राज्य था, लेकिन 1967 में एक जनमत संग्रह हुआ जिसमें गोवा के लोगों ने गोवा को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में रहना चुना. इसके बाद 30 मई 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया और इस तरह से गोवा भारतीय गणराज्य का 25 वां राज्य बन गया और यही कारण है कि हर वर्ष 30 मई ‘गोवा स्थापना दिवस’ के रुप में मनाया जाता है.