Terrible scene after the Orissa train accident… So many dead bodies that school and cold storage had to be made mortuary, heart-wrenching pictures

ओडिशा ट्रेन हादसे के बाद का भयानक मंजर…शव इतने कि स्कूल और कोल्ड स्टोरेज को बनाना पड़ा मुर्दाघर, दिल दहलाने वाली तस्वीरें आईं सामने

Odisha Train Accident: ओडिशा में हुए बालासोर रेल हादसे को 2 दिन बीत चुके हैं. 2 दिनों से लगातार घटनास्थल पर काफी तेजी से राहत बचाव कार्य चल रहा है. पहले खबर आ रही थी कि 288 लोगों की मौत हुई है लेकिन अब जब ट्रेन की बोगियों में फंसे सभी शव निकाले जा चुके हैं तो इसके बाद बताया जा रहा है कि इस हफ्ते में 275 लोगों की मौत हुई है, वहीं हादसे से 1100 से अधिक लोग घायल और चोटीले हुए हैं. इस रेलवे हादसे के बाद आलम कुछ ऐसा है कि अस्पताल में लावारिस शवों का ढेर लगा हुआ है. अस्पताल के मुर्दाघरों में जगह की कमी के कारण शवों की संख्या को देखते हुए स्कूल और कोल्ड स्टोरेज को ही मुर्दाघर में तब्दील किया जा रहा है.

दरअसल, अभी भी कई शब्द ऐसे हैं जिनकी पहचान नहीं हो सकी है ऐसे में कई परिजन अपने अपने लोगों की तलाश में अस्पताल और मुर्दा घर के चक्कर लगा रहे हैं. आलम कुछ ऐसा है कि जिन कक्षाओं में छात्र बैठा करते थे उन कक्षाओं में शवों को रखा गया है. जिन शवों की पहचान होती जा रही है उन को परिजनों को सौंप दिया जा रहा है. शवों की पहचान के लिए शवों की तस्वीरें भी जारी कर दी गई है जिन्हें देखकर लोग अपनों की पहचान कर रहे हैं.

मुर्दाघर में जगह ना होने की वजह से शवों को भुवनेश्वर किया गया शिफ्ट:

बालासोर रेल हादसे में हुई भयानक मौतों के कारण मुर्दाघर में शवों के लिए जगह ना होने की वजह से ओडिशा सरकार ने 187 शवों को जिला मुख्यालय शहर बालासोर से भुवनेश्वर शिफ्ट किया था. लेकिन यहां भी मुर्दाघर मैं जगह की कमी होने के कारण स्थिति काफी कठिन बन रही थी. ऐसे में 110 शवों को एम्स भुवनेश्वर में रखा गया. बचे हुए अन्य शवों को कैपिटल अस्पताल, अमरी अस्पताल, सम अस्पताल आदि में शिफ्ट किया गया.

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गर्मी के मौसम में शवों को सुरक्षित रखना काफी चुनौतीपूर्ण:

भुवनेश्वर एम्स के एक अधिकारी ने बताया की गर्मी के मौसम में शवों को सुरक्षित रखना वास्तव में काफी मुश्किल और चुनौती भरा है. एम्स में अधिकतम 40 शवों को रखने की सुविधा है, शवों की भारी मात्रा को देखते हुए उन्हें सुरक्षित रखने के लिए ताबूत, बर्फ और फॉर्मेलीन रसायन का उपयोग किया जा रहा है और पूरी कोशिश की जा रही है कि शव पूर्ण रूप से सुरक्षित रहें.

बुधवार से सामान्य रूप से रुट होगा चालू:

रेल मंत्री ने जानकारी दी है कि बुधवार सुबह तक यह ट्रक चालू किया जाएगा. बुधवार सुबह तक मरम्मत के सभी काम खत्म किए जाएंगे ताकि इस ट्रैक पर सामान्य रूप से ट्रेन दौड़ना शुरू हो सके. उन्होंने बताया कि सभी डिब्बों को ट्रैक से हटा दिया गया है और ट्रैक की मरम्मत का कार्य भी प्रगति पर है इसके अलावा डिब्बों में फंसे शवों को निकाला गया है कार्य तो तेज़ी से करने की कोशिश की जा रही है और कोशिश यही है कि बुधवार की सुबह तक सामान्य रूट चालू हो जाए.

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