Uttarakhand News: उत्तराखंड घने जंगलों के बीच वन भूमि में मुस्लिम गुर्जरों ने अवैध रूप से कब्जे वाली कई हजारों हेक्टेयर सरकारी वन भूमि में खेती करना शुरू कर दिया है. आपको बता दें कि बीते दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पुलिस के खुफिया विभाग ने वन भूमि पर अवैध कब्जे किए जाने की जानकारी के साथ-साथ अवैध रूप से बनी मस्जिद मजार और अन्य धार्मिक संस्थानों से जुड़ी एक रिपोर्ट सौंपी थी. इसके बाद सीएम ने इस सूचना को वन के उच्च अधिकारियों के सामने रखा जिसके बाद वन में हड़कंप मचा हुआ है. आइए जानते हैं पूरी खबर.
जानकारी के मुताबिक बता दें कि उत्तराखंड के घने जंगलों के बीच से मुस्लिम गुर्जरों को ऐसे ही नहीं कुछ साल पहले बाहर किया गया था इसके पीछे कई वजह शामिल थीं. अक्सर तर्क दिया जाता है कि टाइगर रिजर्व वाइल्डलाइफ रिजल्ट इन मुस्लिम गुर्जरों को इसीलिए बाहर किया गया था ताकि जंगल का स्वाभाविक स्वरूप बना रहे और वन्य जीव को जीवन जीने में किसी भी प्रकार की बाधा ना हो. उस समय यह कहा जाता था कि वन मुस्लिम गुर्जर मांस नहीं खाते और जंगल के रखवाले होते हैं किंतु समय के साथ साथ वन मुस्लिम गुर्जरों का सामाजिक आर्थिक जीवन में बदलाव देखा गया. इनके यहां भी मुस्लिम कट्टरपंथ प्रवेश करने लगा और वनों में भी ईद पर कुर्बानी होने लगी धीरे-धीरे यह लोग रिजर्व फॉरेस्ट के जंगल में अपने झाले खाते के आसपास खेती के लिए वन कर्मियों से मिलीभगत कर सरकारी वन भूमि को कब्जाने लगे.
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जानिए उत्तराखंड मुस्लिम गुर्जरों का इतिहास:
आपको बता दें कि 1983 में सर्वे से यह निकल कर सामने आया था कि राजा जी पार्क में कुल 512 मुस्लिम गुर्जर थे. इसके बाद जब साल 1998 में सर्वे हुआ तो यह निकल कर सामने आया कि इनकी संख्या 1393 परिवार की हो गई और तब कांग्रेस की विजय बहुगुणा सरकार ने इन्हें जंगलों से बाहर निकाल कर प्रत्येक परिवार को 87 हेक्टेयर भूमि का आवंटन किया तो है निकल कर सामने आया कि इनकी संख्या 2500 से भी अधिक थी. दरअसल, इसके पीछे की यह बजा बताई जाती है कि आवंटन से पूरी वन मुस्लिम गुजरो में जमीन अतुल एमा संगठन की घुसपैठ हो चुकी थी. उस दौरान एक मुस्लिम गुर्जर के तीन-तीन बीवियां, विधवा के मुस्लिम निकाह, रिश्ते-नातेदारी दिखाकर जमीन पर अधिकार जताकर आवंटन करा लिए और सरकारी वन भूमि को एक जमीन जिहाद षड्यंत्र के तक तहत हथिया लिया.
उत्तराखंड के सीएम धामी के निर्देश के बाद वन विभाग के अधिकारियों की काली करतूत सामने आ रही है कि कैसे उनके मिलीभगत की वजह से ही हजारों हेक्टेयर सरकारी जमीन पर मुस्लिम वन गुर्जर जमीन जिहाद षड्यंत्र के तहत जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं.